Tuesday, February 8, 2022

कोई तो है ऊपर

रहती थी ऊपर वो

आती थी कभी-कभी 

अपनी बेटी के साथ 


बेटी 

तीन साल की

प्यारी 

बहुत प्यारी 

गीले गूँधे आटे से गाल

उँगली लगाओ तो गड्डा पड़ जाए 

घुंघराले से बाल

मोटी सी आँखें 

फ़्रीज़ पर ए-बी-सी चिपकाना

छुपमछुपाई खेलना

सलाद खाना


उधर लता गई

इधर ये गई

दो दिन पहले चली गई 

यह अपार्टमेंट छोड़ कर 

1 किलोमीटर की दूरी पर 

दूसरे अपार्टमेंट में


दूर नहीं है

और दूर बहुत है

वहाँ से यहाँ आना 

मानो लक्ष्मण रेखा लांघ के आना


थी 

तो सुकून था

कोई तो है ऊपर 


राहुल उपाध्याय । 8 फ़रवरी 2022 । सिएटल 



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1 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

ऊपर जरूरी है। कोई ।