Sunday, June 12, 2022

तू है मधुर

तू है मधुर

ना कि ज़हर 

कि पीऊँ तो मर जाऊँ 

तेरे आँखों के समन्दर में

डूब के मर जाऊँ 


तेरा नाम भी लिखना 

ख़तरे से ख़ाली नहीं 

तू रूठे मुझसे 

वो बात भाती नहीं 


तेरे नाम से मेरा नाम जोड़ लिया 

और सब उस पर छोड़ दिया 


हाँ बात नहीं है, पर कोई बात नहीं 

है धुँध-धुँधलका, कोई रात नहीं

 

कल को होगी बात भी 


राहुल उपाध्याय । 12 जून 2022 । सिएटल 







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