इतने कुत्ते हैं
एक भी भौंकता नहीं
इतने इंसान हैं
एक भी चीखता नहीं
सब सभ्य हैं
संतुष्ट हैं
कुछ तो है कि
बंदूक चल जाती है
युद्ध हो जाते हैं
जेलें भर जातीं हैं
राहुल उपाध्याय । 13 जून 2022 । सिएटल
इतने कुत्ते हैं
एक भी भौंकता नहीं
इतने इंसान हैं
एक भी चीखता नहीं
सब सभ्य हैं
संतुष्ट हैं
कुछ तो है कि
बंदूक चल जाती है
युद्ध हो जाते हैं
जेलें भर जातीं हैं
राहुल उपाध्याय । 13 जून 2022 । सिएटल
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