बंदगी इम्तिहान लेती है
लोगों की जान लेती है
हो
मुफ़लिसी इम्तिहान लेती है
कटघरों में जान लेती है
दुश्मनी इम्तिहान लेती है
दुश्मनों की जान लेती है
उस ईश्वर को कोई खबर दे
के ये प्यार हमको पागल ना कर दे
प्रीत भी इम्तिहान लेती है
प्रेमियों की जान लेती है
वो साथ हो तो लड़ ना सके सब
वो दूर हो तो लड़ने लगे सब
बेबसी इम्तिहान लेती है
बेबसों की जान लेती है
उन की गली से जब भी गुज़रना
दो बोल बोल के फिर ही गुज़रना
आँख भी इम्तिहान लेती है
आँखों से जान लेती है
सारे ही धर्मों में है खराबी
ये हमने जाना बनके किताबी
किताब भी इम्तिहान लेती है
पाठकों की जान लेती है
हाय
राहुल उपाध्याय । 6 जून 2022 । सिएटल
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