जिनके जीवन में
प्यार नहीं है
कपिल शर्मा
मिर्ज़ापुर आदि
सब देखते हैं
वो झूठे ठहाके
वो झूठी तारीफ़
वो गाली-गलौज
वो हिंसक बातें
सब देखते हैं
समय काटना है
समय काटते हैं
जिनके जीवन में
कोई दिलरुबा है
कोई मनचला है
वो दिन-रात अपना
उनमें फूंकते हैं
उन्हें चाहते हैं
उन्हें पूछते हैं
प्यार-मोहब्बत का
रस लूटते हैं
न इसे देखते हैं
न उसे देखते हैं
नेटफ्लिक्स का दीवालिया निकल गया
अच्छी बात है
लगता है
जैसे मैं लगा हूँ
वैसे और भी लगे हैं
प्रेम-प्यार में
राहुल उपाध्याय । 3 जून 2022 । सिएटल
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