जो क्रॉप-टॉप पहनना
अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती थी
माँ-बाप के विरोध के बावजूद
उनकी आँखों से दूर
शहर में
क्रॉप टॉप पहने चहकती थी
बर्थडे पार्टीज़ में जाती थी
फ़ोटो खींचवाती थी
परिजनों को छोड़
सबको स्टेटस पर गर्व से दिखाती थी
ख़ुद ही कहती थी कि
घर के बाहर शॉर्ट्स पहनना ठीक नहीं
कल वो शिक्षिका बनेगी
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क्या सासें शिक्षिका नहीं बनतीं हैं?
क्या शिक्षिकाएँ सास नहीं बनती हैं?
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क्या जो भ्रूण हत्या करवाते हैं
वे पुजारी, वकील, जज, कलेक्टर नहीं होते?
जो पुजारी, वकील, जज, कलेक्टर हैं
क्या वे भ्रूण हत्या नहीं करवाते?
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दहेज की समस्या तो छोटी सी समस्या है
लड़कियाँ ख़ुद
अपने आपको पति के बराबर नहीं आँकतीं हैं
पति गुलछर्रे उड़ाए और वो व्रत रखती है
अपनी पति की आधी सम्पत्ति पर
अपना अधिकार नहीं समझती हैं
पति-पत्नी का जॉइंट बैंक एकाउंट नहीं होता है
एक क्रेडिट कार्ड नहीं होता है
पाई-पाई को मोहताज रहती है
इसीलिए पढ़ती है, कमाती है कि
अपने मन की कर सके
घर के कामकाज का तो कोई हिसाब ही नहीं है
लड़का एक कमाए या दस
हर लड़की घर का सारा काम करती है
लड़की एक कमाए या दस
हर लड़की घर का सारा काम करती है
लड़का गरीब हो या अमीर
हर लड़की घर का सारा काम करती है
लड़का पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़
हर लड़की घर का सारा काम करती है
लड़का गाँव में हो या एन-आर-आई
हर लड़की घर का सारा काम करती है
हर लड़की घर का सारा काम करती है
हर लड़की घर का सारा काम करती है
हर लड़की घर का सारा काम करती है
राहुल उपाध्याय । 9 जून 2022 । सिएटल
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