यूँ तो हमने लाख लीडर देखे हैं
तुमसा नहीं देखा
तुम न अगर बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएंगे हम
क्या परी या हूर हो
इतने क्यूँ मग़रूर हो
मान के तो देखो कभी किसी का कहा
उफ़ ये नज़र उफ़ ये अदा
कौन न अब होगा फ़िदा
दाड़ी हो या पगड़ियाँ
देती हैं सबको बता
मानना ही होगा जो-जो मैंने है कहा
कुछ को पसंद, कुछ को नहीं
ज्ञानी-ध्यानी तो फेंकू कहीं
देश के सिरमौर हो
कोई क्यूँ गौण हो
सबका विकास करो, सबका भला
(साहिर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 5 जुलाई 2023 । बारामती
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