मेरी हो के मेरी रहना
कर ना मुझसे ये वादा
सबसे रूठ गए
सबसे दूर हुए
हमने तुमने
जग से मिल के
खेल कई हैं खेले
मुझको बाँह में ले ले
तुझ संग मेरी
प्रीत जुड़ी है
कर ले प्यार ज़रा सा
याद सुहानी है
याद तो आती है
इन यादों के
ही सायों में
कब से हूँ मैं बैठा
तुमको पास न देखा
राज़ ये क्या है
मुझको पता क्या
समझ सको समझाना
हमको तुमसे
हैं लाखों शिकवे
गिले-शिकवों की
है लम्बी कहानी
जो तुमको है सुनानी
शुरू से ही है सुनानी
टेढ़ा-मेढ़ा
रिश्ता अपना
सीधी चाल चला ना
राहुल उपाध्याय । 2 जुलाई 2023 । बदलापुर
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