Wednesday, July 19, 2023

हर तरफ़ आज जन्नत है

तुम न मानो मगर हक़ीक़त है 

सिर्फ़ मोदी, मोदी ही ज़ीनत है

(ज़ीनत = शोभा, श्रृंगार)


फ़िक्र का कब हुआ है दिल

हर तरफ़ आज जन्नत है


जग पड़े आप हैं क्यूँ कर

नींद लीजिए, बजा हुकूमत है


हम भी लेते रूख दीगर सबसे

पट्टी आँखों पे आज क़िस्मत है


दुख होता तो क्या नहीं होता

भाईचारा नहीं, यही क़ीमत है


राहुल उपाध्याय । 20 जुलाई 2023 । नोएडा 



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