तिनका
सहारा भी है
तो बोझ भी
और मज़े की बात यह कि
एक हो तो सहारा
ज़्यादा हो तो बोझ
बिचारे ऊँट की पीठ ही तोड़ देता है
सहारा बनो
तो सोच समझकर
थोड़ी दूरी रखकर
सीड़ी की तरह
स्टूल की टांगों की तरह
गाड़ी के पहियों की तरह
——
रंगीन शर्ट पर
काले काजल के निशान
किसी ख़ुशनसीब को ही नसीब होते हैं
जब मन्नत पूरी हो जाती है
आँसू छलक ही जाते हैं
——
इरादे नेक थे
या बुरे?
फ़ैसला हो न सका
हवा चली
और दिया बुझा नहीं
हवा ने दरियादिली दिखाई किसी
मासूम पे
या
वादाखिलाफी की
अपने धर्म से?
ज्योत के बल की कौन बात करता है?
राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2023 । बारामती
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