होता आतंकवादी तो
अभी तक सर्जिकल स्ट्राइक हो गई होती
उस मुल्क के धर्म की
उस मुल्क के आचार-विचार की
उस मुल्क के संस्कार की
कड़े शब्दों में भर्त्सना कर दी गई होती
लेकिन
चूँकि
मामला अपने ही घर का है
सब बगले झाँक रहे हैं
दूसरों को बुरा-भला कहना जितना आसान है
उतना ही मुश्किल है खुद को सुधारना
राहुल उपाध्याय । 24 जुलाई 2023 । सिएटल
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