Wednesday, July 5, 2023

ओ दल बदलनेवाले

गए आज तुम यहाँ से

बड़ी पदवी है पाई

तुम्हें मिल गया ठिकाना

हमें मौत भी न आई


ओ दल बदलनेवाले 

हम को भी साथ ले ले

हम रह गए अकेले


तूने वो दे दिया ग़म

बेमौत मर गये हम

दिल उठ गया यहाँ से

ले चल हमें यहाँ से

किस काम की ये पार्टी 

जो राजनीति न खेले


सूनी हैं दिल की राहें

खामोश हैं निगाहें

नाकाम हसरतों का 

उठने को है जनाज़ा

चारों तरफ़ लगे हैं 

बरबादियों के मेले


(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2023 । इंदापुर 

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