Monday, July 31, 2023

आईना क्या दिखाएगा मुझे मेरी हक़ीक़त

आईना क्या दिखाएगा मुझे मेरी हक़ीक़त 

जो देख ली आज तुम्हारी आँखों में मैंने


पास थी बैठी और थी कोसों दूर

किसी अशोक वन की किसी वाटिका में गुम

आएँगे राम

परखेंगे तुम्हें

फिर देंगे छोड़ किसी परिधि के बाहर 


कभी अंदर तो कभी बाहर

जैसे परिधि ही हो तुम्हारा परिचय


मैं राम नहीं हूँ 

और राम से अलग भी नहीं हूँ 


तुम साहित्य पढ़ती हो

सिनेमा देखती हो

ग्रंथ समझ आते हैं तुम्हें 


तुम्हें पता है कि

नारी सम्पत्ति थी

सम्पत्ति है 

और सम्पत्ति रहेगी


चन्दर राम नहीं था

पर अपना अस्तित्व खो न सका

सुधा का हो न सका


मैं भी राहुल हूँ 

वीर नहीं 

तुम ज़ारा सही


राहुल उपाध्याय । 31 जुलाई 2023 । सिएटल 



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