सुनते ही आए
समझ ना पाए
गीता में क्या लिखा है
हमें बस रटना है
सुनते ही आए
समझ न पाए
ग़ालिब ने क्या लिखा है
भेजे में न घुसता है
आज नहीं कल
कल नहीं परसों
कहते ही रहना है
हमें न सुधरना है
ग़म दूर कर दे
ख़ुशियों से भर दे
वो कोई अपना है
मन ही तो अपना है
घर से निकल के
कर कुछ कर से
ये जग बढ़िया है
तेरी ही तो रचना है
राहुल उपाध्याय । 29 जुलाई 2023 । सिएटल
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