मुझे ख़ुशी है कि
इस विपदा के काल में भी
वह लिख लेती हैं प्रेम कविताएँ
जो किसी को दिखा नहीं सकती
मुझे ख़ुशी है कि
आधी रात तक
हम करते रहते हैं बातें
और कोई पूछे तो
हम बता भी नहीं सकते कि क्या
गुड नाइट
गुड मॉर्निंग
भेजती है
पूरे दिल से
हज़ारों
देवी-देवताओं
फूल-मालाओं
से सुसज्जित
गुड मॉर्निंग
गुड नाइट में
वो बात कहाँ
जो उसके एक 💜 में है
राहुल उपाध्याय । 1 मई 2021 । सिएटल
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