चलते ही चले जाओ
कभी रूक ना जाओ
कोई साथ तेरे हो न हो
कभी रूक ना जाओ
सावन में कहीं आग लगे
रूक ना जाना
दामन जो कोई थाम लें
रूक ना जाना
चलते ही चले जाओ
कभी हाथ ना आओ
ना रोओ कभी आँख में
आँसू भी न लाना
अपने ही हाथों में है
खोना और पाना
जीवन तो है इक गीत
इसे झूम के गाओ
राहुल उपाध्याय । 6 मई 2021 । सिएटल
1 comments:
जी बहुत बढ़िया। हमें सदैव प्रत्येक परिस्थिति में आगे बढने के लिए प्रेरित रचना है। आपके इस रचना के विचार से मन सकारात्मक है।
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