आज का दिन है
कितना सुहाना
जो मुझे आज मिला
खिलती हैं कलियाँ
बहते हैं झरने
चहुँ ओर रंग खिला
आज का सूरज
सबको मुबारक
अपने भी हैं कुछ
जो आज नहीं हैं
जाने अब हैं वो कहाँ
जितने बचें सब
सब हैं मुबारक
सबका है काम यहाँ
सबकी खुशी अब
मेरी खुशी है
राहुल उपाध्याय । 1 मई 2021 । लिएटल
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