Wednesday, May 26, 2021

तेरा हाथ सदा है सर पे

https://youtu.be/Fnq5g4tePRs


तुझे सूरज कहूँ या चंदा

तुझे दीप कहूँ या तारा

तेरा हाथ सदा है सर पे

तू ही मेरा एक सहारा


तुझे भूल मैं कैसे जाऊँ

तेरी याद बसी है दिल में

तुझे दूर मैं कैसे पाऊँ

तू दौड़ रहा मेरी रग में

तुझे रोज़ मैं ऐसे चाहूँ

जैसे धूप को छाँव का मारा..


तेरा मुझसे क्या है नाता

मैं आज बताऊँ तुझको

तू रोज़ खिलाए मुझको

मैं भोग लगाऊँ तुझको

तू ही मेरा मात-पिता है

तू ही मेरा राज दुलारा


मैं गा रहा हूँ कैसे

मुझमें भक्ति है तुझसे

मैं चल रहा हूँ कैसे

मुझमें शक्ति है तुझसे

तेरे लाख मुझपे करम हैं

तू ही मेरी साँस की धारा


राहुल उपाध्याय । 26 मई 2021 । सिएटल 

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