हे भगवान, दो वरदान
खींचो चोटी, पकड़ो खान
गली-गली में यही गान
हम हैं साधु, सब शैतान
अपना-अपना सबका ज्ञान
अपनी बातें, अपनी शान
आध्यात्म सही, ग़लत विज्ञान
गोबर-गोमूत्र का गुणगान
घंटों-घंटों कर के ध्यान
बीमार पड़ें, गहें विज्ञान
खुले हाथों माँगे दान
चाहे गो-भक्षी हो जजमान
ये आतंकी, वो हैवान
सब में परमात्मा है विद्यमान
तिलक-टोपी से करें पहचान
और सर्व-कल्याण का करें ऐलान
राहुल उपाध्याय । 13 अक्टूबर 2021 । रतलाम
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हा हा
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