कहीं चार्जर
कहीं शर्ट
कहीं तौलिया
कहीं कुछ छोड़ा
कहीं कुछ जोड़ा
सफ़र के पन्ने
कुछ सफ़ेद हुए
कुछ भर गए
कुछ क़र्ज़ चढ़ें
कुछ उतर गए
कहीं हँस दिए
कहीं रो लिए
कहीं गले मिलें
कहीं हाथ जोड़ सिर्फ़ चल दिए
कुछ दूर थे
वो पास हुए
कुछ पास थे
वे दूर हुए
कुछ स्वप्न सजे
कुछ चूर हुए
कहीं चार्जर
कहीं शर्ट
कहीं तौलिया ..
राहुल उपाध्याय । 11 अक्टूबर 2021 । रतलाम
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वाह
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