अभी भी हैं कुछ
जो करते हैं सफ़र बस में
बिना स्मार्टफ़ोन में आँख गढ़ाए
अभी भी हैं कुछ
जो पहनते हैं पगड़ी
अभी भी हैं कुछ
जो देते हैं ताव अपनी मूँछों पर
अभी भी हैं कुछ
जो तकते हैं
हर आते-जाते राही को
अपने ओटले पर बैठ
अभी भी हैं कुछ
जो अनभिज्ञ हैं मास्क से
मास्क के बचाव से
मास्क के अलगाव से
राहुल उपाध्याय । 6 अक्टूबर 2021 । रतलाम से सैलाना के बीच
1 comments:
सबसे खुश हैं वो लोग
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