एक लिफ़ाफ़ा था
जिसमें एक चिट्ठी थी
मेरे लिए
जब चाहा पढ़ लेता था
अच्छा लगता था
पढ़ता रहता था
ख़ुश होता रहता था
एक दिन
चिठ्ठी ग़ायब हो गई
लाख ढूँढा
नहीं मिली
मैंने लिफ़ाफ़ा जला दिया
राहुल उपाध्याय । 23 अक्टूबर 2021 । सिएटल
एक लिफ़ाफ़ा था
जिसमें एक चिट्ठी थी
मेरे लिए
जब चाहा पढ़ लेता था
अच्छा लगता था
पढ़ता रहता था
ख़ुश होता रहता था
एक दिन
चिठ्ठी ग़ायब हो गई
लाख ढूँढा
नहीं मिली
मैंने लिफ़ाफ़ा जला दिया
राहुल उपाध्याय । 23 अक्टूबर 2021 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 5:27 AM
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