Thursday, October 14, 2021

जाने क्यूँ करती रहती है वो बातें मुझसे

जाने क्यूँ करती रहती है वो बातें मुझसे

चाक के घेर में बैठी है जो सकुचाई सी 


अब न करती है तकरार, न तकरार के मुद्दे हैं 

संजीदा इतनी कि इश्क़ पे नाज़ हो जाए

हर घड़ी ठेस लगा जो बिफर जाती थी

अब ख़ुद से ख़फ़ा, ख़ुद से मान वो जाए 


जिसे वीडियो पे घंटों तक तका करता था

आज उसे गुड मार्निंग भी नहीं कहता हूँ 

जिससे मिलने हज़ारों मील मैं चला आया

आज उसे अलविदा भी नहीं कह सकता हूँ 


कहते हैं प्यार की ताक़त जहाँ को बिसरा दे

ख़ाक को सर पे, सर को ख़ाक पे ला दे

हमने भी प्यार किया, प्यार किया, प्यार जी भर के किया

कमी हो एक तो पहरेदार से कहे बतला दे


(साहिर से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 15 अक्टूबर 2021 । दिल्ली 



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