अगर है पर्व दीवाली तो हेलोवीन भी है
ये ही तो हैं जिनसे ज़िंदगी हसीन भी है
यहाँ बँटी है मिठाई वहाँ भी बाँटी है
यहाँ हैं बच्चे रौनक़ उधर भी छाई है
यहाँ हैं दीपक वहाँ भी रोशनाई है
फ़िज़ा में रंग नज़ारों में जान है हमसे
खुशी लिए ये ज़मीं आसमान है हमसे
तीज-ओ-त्योहार की दुनिया जवान है हमसे
बड़े यकीन से आए थे इस जहाँ में हम
बड़ी शिद्दत से करते हैं याद वहाँ को हम
जहाँ से लाए थे रंग और नूर यहाँ पे हम
राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2021 । सिएटल
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