सागर शांत है
गुर्राता नहीं है
उबलता नहीं है
ग़ुस्सा नहीं करता
हाँ
कभी-कभी
पत्थरों पर
अपना सर ज़रूर फोड़ लेता है
लेकिन
मोटे तौर पर
वह एक शांत प्राणी है
इसका यह मतलब नहीं
कि वह आपका हितैषी है
जो घुसा
डूबा
या ठण्ड से मरा
बचने की कोई योजना नहीं है
बचाने के लिए सोचना पड़ता है
सोचने के लिए गर्माहट चाहिए
राहुल उपाध्याय । 28 जून 2022 । सिएटल
3 comments:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 30.6.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4476 पर दिया जाएगा
धन्यवाद
दिलबाग
सही कहा सर... बहुत बढ़िया 👌
सटीक, सुंदर 👌👌
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