Tuesday, June 28, 2022

सागर शांत है

सागर शांत है

गुर्राता नहीं है 

उबलता नहीं है 

ग़ुस्सा नहीं करता


हाँ 

कभी-कभी 

पत्थरों पर

अपना सर ज़रूर फोड़ लेता है 


लेकिन 

मोटे तौर पर 

वह एक शांत प्राणी है 


इसका यह मतलब नहीं 

कि वह आपका हितैषी है 

जो घुसा

डूबा 

या ठण्ड से मरा

बचने की कोई योजना नहीं है 

बचाने के लिए सोचना पड़ता है 

सोचने के लिए गर्माहट चाहिए 


राहुल उपाध्याय । 28 जून 2022 । सिएटल 



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3 comments:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 30.6.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4476 पर दिया जाएगा
धन्यवाद
दिलबाग

अनीता सैनी said...

सही कहा सर... बहुत बढ़िया 👌

मन की वीणा said...

सटीक, सुंदर 👌👌