Thursday, May 25, 2023

कितना अजीब होता

कितना अजीब होता 

यदि मैं भारत में होता


मैं सेवानिवृत्त होता

वो नौकरी चढ़ती 

हमारी जोड़ी 

सबको खटकती 


मेरा फ़ेयरवेल

उसका वेलकम होता

दोनों में प्यार 

न कम होता


शायद कुछ 

ख़ुश भी होते

बदलते समय के

मुरीद भी होते


उम्र, एक नम्बर 

कहने वाले 

हमें एक नम्बर का 

चालू कहते


हनीमून पर हम

शिमला हो आते

घूर-घूर कर देखते

सब आते-जाते


काम छोड़ दिया

पर काम नहीं 

इत्ती उम्र 

और लोक-लाज नहीं?


दूर कहीं हो

तो शेयर करते न थकते

अपने ही घर में हो

तो सब थू-थू करते


राधा-किशन अच्छे

तस्वीर में लगते

घर में ही हो तो 

महाभारत हैं छिड़ते 


कितना अजीब होता 

यदि मैं भारत में होता


राहुल उपाध्याय । 25 मई 2021 । सिएटल 





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