कितना अजीब होता
यदि मैं भारत में होता
मैं सेवानिवृत्त होता
वो नौकरी चढ़ती
हमारी जोड़ी
सबको खटकती
मेरा फ़ेयरवेल
उसका वेलकम होता
दोनों में प्यार
न कम होता
शायद कुछ
ख़ुश भी होते
बदलते समय के
मुरीद भी होते
उम्र, एक नम्बर
कहने वाले
हमें एक नम्बर का
चालू कहते
हनीमून पर हम
शिमला हो आते
घूर-घूर कर देखते
सब आते-जाते
काम छोड़ दिया
पर काम नहीं
इत्ती उम्र
और लोक-लाज नहीं?
दूर कहीं हो
तो शेयर करते न थकते
अपने ही घर में हो
तो सब थू-थू करते
राधा-किशन अच्छे
तस्वीर में लगते
घर में ही हो तो
महाभारत हैं छिड़ते
कितना अजीब होता
यदि मैं भारत में होता
राहुल उपाध्याय । 25 मई 2021 । सिएटल
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