स्नूज़ पे स्नूज़ दबाते रहो
देर तक चादर ताने रहो
आँख में आए जो नींद कभी
उसको गले से लगाते रहो
अपना क़िस्सा दुख का सागर
सबको सुखी हो बताते रहो
जाए मौसम, जाए बला से
ऐ-सी के गुण गाते रहो
आए मोड़ पे ठेले जितने
सबका धंधा चलाते रहो
राह में आए जो दुख कभी
चैन की बंसी बजाते रहो
राहुल उपाध्याय । 8 मई 2023 । सिएटल
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