Saturday, May 27, 2023

हर रोज़ हमने देखा घुलती है चाँदनी

हर रोज़ हमने देखा घुलती है चाँदनी 

हर पल जहां हसीन है, हर पल है ताज़गी 


आँखों में आओ रंग भरें, जन्नत है सामने

कैसे कहाँ छूटेगा कोई, सब कुछ है आप में 

अपनी ही कोई कमी है हमें दूसरों में दिखती


जब-जब बहस का मूड करे, अच्छे से सोच लें

जाएँगे जीत खो के चैन, सच इसको मान लें

तब कहीं जा के करें आप ऐसी दिल्लगी 


चर्चे जहां में और भी हैं झगड़ों को छोड़कर 

उनका ही क्यों न रूख करें, पाएँगे लाभकर

काँटों को छोड़ दीजिए, देखें गुलाब भी


राहुल उपाध्याय । 27 मई 2023 । सिएटल 

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1 comments:

Onkar said...

सुंदर चित्रण