नोट नोट ना रहा, प्यार-प्यार ना रहा
कैश पर हमें ज़रा एतबार ना रहा
खरी कमाई हाथ की मिली थी जो इतवार को
वो मेरे कैश तुम ही थे, तुम्हीं तो थे
जो ज़िंदगी की राह मे आएँगे कभी तो काम वो
वो मेरे कैश तुम ही थे, तुम्हीं तो थे
सारे भेद खुल गए, राज़दार ना रहा
सफ़र के वक़्त में ध्यान से रखे थे जो जेब में
वो तुम न थे तो कौन था, तुम्हीं तो थे
पड़े-पड़े थे लाख के, जो आज हुए हो राख से
वो तुम न थे तो कौन था, तुम्हीं तो थे
कहाँ से गाज गिर गई, दो हज़ार ना रहा
वफ़ा का लेके नाम जो चहक रहे थे हर घड़ी
वो मेरे नेक-नेक दिल तुम्हीं तो हो
जो मुस्कुरा के रह गए ज़हर की जब सुई गड़ी
वो मेरे नेक-नेक दिल तुम्हीं तो हो
अब किसी पे मेरा अंध-प्यार ना रहा
(शैलेंद्र से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 23 मई 2023 । सिएटल
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