राजा राजा होता है
फिर उसके राज्याभिषेक पे
इतना तमाशा क्यूँ?
बैंक गर्त में जा रही हैं
नौकरियाँ ख़तरे में हैं
फिर इतना ख़र्चा क्यूँ?
बड़ा आसान है दूसरों पर इलज़ाम लगाना
हम क्या कम दोषी हैं?
शादी
जन्मोत्सव
तेरहवीं
आदि पर पैसा पानी की तरह बहाते हैं
पेपर टॉवल तो
ऐसे इस्तेमाल करते हैं
जैसे कि स्टेटस सिम्बल हो
राहुल उपाध्याय । 6 मई 2023 । सिएटल
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