Tuesday, May 23, 2023

न होता नोट, न खोटा-खरा होता

न होता नोट, न खोटा-खरा होता

ज़िन्दगी का कुछ भला होता 


न जाता बैंक, न खोलता खाता

मौत का सामाँ फिर कहाँ होता


एक तो फ़ीस, दूजी क़तारें 

इन सबसे तो मैं बचा होता


न सुनता न्यूज़, न होता दुख 

सुख-चैन से घर भरा होता


घर में मेरी लगा के सेंध 

किसी ने तो न डँसा होता


राहुल उपाध्याय । 23 मई 2023 । सिएटल 




इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: