Tuesday, July 22, 2008

प्रेमी और पतिदेव

मैं हूँ तृप्त
तुम हो वंचित
मैं हूँ पूर्ण
तुम हो खंडित

मैं हूँ प्रसन्न
तुम हो कुंठित
मैं हूँ दृढ़
तुम हो कंपित

मैं हूँ अज्ञात
तुम हो इंगित
मैं हूँ स्मृति
तुम हो अंकित

मैं हूँ सहज
तुम हो दंभित
मैं हूँ आभास
तुम हो रंभित

मैं हूँ सर्व
तुम हो किंचित
मैं हूँ मुक्त
तुम हो संचित

कौन हो तुम?
कौन हूँ मैं?
मैं हूँ सखा
तुम हो वंदित

सिएटल,
22 जुलाई 2008
===================
प्रेम प्रतिद्वंदी = रक़ीब
तृप्त = satisfied
वंचित = deprived
कुंठित = frustrated
दृण = strong
कंपित = shaky
इंगित = indicated, named, pointed
स्मृति = memory
अंकित = written, marked
सहज = as is
दंभित = boastful
आभास = feeling
रंभित = loudly proclaiming
सर्व = all
किंचित = little
मुक्त = unchained
संचित = accumulated
सखा = friend
वंदित = worshipped

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