मैं हूँ तृप्त
तुम हो वंचित
मैं हूँ पूर्ण
तुम हो खंडित
मैं हूँ प्रसन्न
तुम हो कुंठित
मैं हूँ दृढ़
तुम हो कंपित
मैं हूँ अज्ञात
तुम हो इंगित
मैं हूँ स्मृति
तुम हो अंकित
मैं हूँ सहज
तुम हो दंभित
मैं हूँ आभास
तुम हो रंभित
मैं हूँ सर्व
तुम हो किंचित
मैं हूँ मुक्त
तुम हो संचित
कौन हो तुम?
कौन हूँ मैं?
मैं हूँ सखा
तुम हो वंदित
सिएटल,
22 जुलाई 2008
===================
प्रेम प्रतिद्वंदी = रक़ीब
तृप्त = satisfied
वंचित = deprived
कुंठित = frustrated
दृण = strong
कंपित = shaky
इंगित = indicated, named, pointed
स्मृति = memory
अंकित = written, marked
सहज = as is
दंभित = boastful
आभास = feeling
रंभित = loudly proclaiming
सर्व = all
किंचित = little
मुक्त = unchained
संचित = accumulated
सखा = friend
वंदित = worshipped
Tuesday, July 22, 2008
प्रेमी और पतिदेव
Posted by Rahul Upadhyaya at 2:37 PM
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Labels: relationship, valentine
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