वह मुझे
पूछती है
सोचती है
मानती है
चाहती है
डोरे जम के डालती है
सेल्फ़ी हज़ार भेजती है
घण्टों बात करती है
डीलिट लॉग करती है
बस प्यार नहीं करती है
तो कौनसा गुनाह करती है?
कोई पास नहीं
वो पास है
कोई ख़ास नहीं
वो ख़ास है
मेरी रग-रग पहचानती है
बस प्यार नहीं करती है
तो कौनसा गुनाह करती है?
वो आज है
तो साँस है
मेरे अस्तित्व का
अहसास है
मैं प्यार उससे करता हूँ
तो कौनसा गुनाह करता हूँ?
राहुल उपाध्याय । 28 मई 2022 । सिएटल
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