Wednesday, May 4, 2022

आज शायर बड़ा परेशान हैं

आज शायर बड़ा परेशान है 

आने वाला कोई तूफ़ान है


क्या हुआ है हुआ कुछ नहीं है

जंग की बातें तमाम हो रही हैं 

जंग भला कौन लड़ेगा 

जंग की बातें मज़ा दे रही हैं 

सब मूरख ख़ुद बुद्धिमान है 


सबको क्या-क्या गुमाँ हो रहे हैं

माने न माने ख़ुदा हो रहे हैं 

तेरी-मेरी कहाँ बात ठहरी

सब अपनी ही धुन गा रहे हैं 

आसमाँ से भी ऊँचा अभिमान है 


सबने सबको बड़ा दुख दिया है 

सबने सबको ज़ख़्म ही दिया है 

इसमें पड़ने से क्या फ़ायदा है 

भूल जाए कि क्या-क्या मिला है 

जो न भूले वही तो इंसान है


राहुल उपाध्याय । 3 मई 2022 । सिएटल 



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