Tuesday, May 31, 2022

फ़ोन

उसका फ़ोन आता है तो

बर्तन लोड करता हूँ 

कपड़े फ़ोल्ड करता हूँ 

घर का हर काम 

ख़ुशी-ख़ुशी करता हूँ 


अब

सब अस्त-व्यस्त है

पानी पीने को 

एक भी ग्लास नहीं है

ओक से पानी पी रहा हूँ 

उल्टा-सीधा पहन रहा हूँ 

पजामे पर 

ऑक्सफ़ोर्ड शर्ट पहन रहा हूँ 


सोचता हूँ 

मोह-माया छोड़ दूँ 

आत्मनिर्भर हो जाऊँ 


फिर सोचता हूँ 

जी के भी क्या करूँगा 

मुकेश कब सुनूँगा 

गीत कब रचूँगा 

फिलॉसफी कब उड़ेलूँगा


राहुल उपाध्याय । 31 मई 2022 । सिएटल 



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