कल होगा क्या प्यारे
तू जो मुँह फुलाए बैठा
जो आया है उसको जाना
उसको किसने रोका
तेरे हाथ न आज कुछ है
कल जो होगा होगा
महल चौबारे जो आज खड़े हैं
है नज़रों का धोखा
ये तेरी जागीर नहीं है
जोड़ लें जितना पैसा
उठ जा कर अरमान तू पूरे
कर ना दिल को भारी
कोई तेरा जो साथ न दे तो
ख़ुद ले ज़िम्मेदारी
ये बाज़ी कोई जीत सका ना
सबने अंत में हारी
सबका अंत है एक सा प्यारे
परजा हो या नेता
राहुल उपाध्याय । 26 मई 2022 । सिएटल
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