Saturday, May 28, 2022

Re: इतवारी पहेली 2022/05/22



रवि, 22 मई 2022 को पू 2:22 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


न बढ़ सकी बात आगे ###

वो है लकड़ी और ## ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 29 मई को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 22 मई 2022 । सिएटल 
















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