Thursday, August 18, 2022

है अपना भी कोई मत

किसी की माँ की

किसी के पिता की

तस्वीरें थीं डीपी पे

बुलडोज़र चलवाया

और उतरवा दीं मंत्री ने 


देशभक्ति की आड़ में

हमने क्या-क्या न गवाया

है पीर कहीं और कहीं 

हमने बताया 


कभी थाल तो कभी दीप

कभी डीपी लगाया

है अपना भी कोई मत

ये हुकूमत ने भुलाया 


जो होता है सड़क पे

हो घर पे 

क्या है ये ज़रूरी?

माँ-बाप से है प्यार 

तो क्या ये ख़ामी है मेरी?

क्यों शीश नवाना

नहीं हैं काफ़ी 

झंडा फहराना

क्यों हो गया हावी?


राहुल उपाध्याय । 18 अगस्त 2022 । सिएटल 





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