पकड़ो कल की बातें
कल की बात सयानी
नए दौर में रटेंगे
मिल कर वही कहानी
हम हिन्दुस्तानी
हम हिन्दुस्तानी
बच्चे-बच्ची ख़ूब पढ़ेंगे
बच्चे ज़्यादा, बच्चियाँ कुछ कम पढ़ेंगी
आसपास के स्कूल तक ही
बच्चियों की क्लास चलेंगी
यही रीत है, यही चलेगी
बदलें क्यूँ कहानी
बीवी बन कर घर रहेगी
घर से बाहर न काम करेगी
दुनिया में हैं चिरकुट सारे
दुनिया से वो बच के रहेगी
ख़ुद की सीमा असीमित
ख़ुद ने कभी न मानी
प्रकृति में है क्या कुछ बदला
प्रकृति के ही हम साथ रहेंगे
वही फूल हैं आज भी खिलते
उन्हीं फूलों से हम आज खिलेंगे
नया-पुराना मन का जाला
दुनिया वही पुरानी
अमरनाथ में शिवलिंग देखा
ज्वाला में शक्ति का रूप देखा
प्रकृति के सब अद्भुत करिश्मे
लेकिन हिन्दू धर्म का रूप देखा
जल-थल-नभ सब हिन्दू ही है
हिन्दू बड़े है ज्ञानी
राहुल उपाध्याय । 5 अगस्त 2022 । करौदहा
1 comments:
प्रकृति में है क्या कुछ बदला
प्रकृति के ही हम साथ रहेंगे
वही फूल हैं आज भी खिलते
उन्हीं फूलों से हम आज खिलेंगे
नया-पुराना मन का जाला
दुनिया वही पुरानी
सुंदर अभिव्यक्ति!
आप मेरी आवाज में मेरी लिखी कहानी इस लिंक पर जाकर सुनें और कमेंट बॉक्स में अपने विचार अवश्य लिखें :
https://youtu.be/igH7WVr3w5g
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