Wednesday, August 17, 2022

वो अब ख़ुद को छुपाने लगे हैं

वो अब ख़ुद को छुपाने लगे हैं 

डीपी से भी डीपी हटाने लगे हैं 


मोहब्बत है तभी तो इंकार है

न करते हैं बातें, बताने लगे हैं 


ये कैसी मोहब्बत की मंज़िल है 

के मंजर सुहाने डराने लगे हैं 


वही सेल्फ़ियाँ, वही पाक नग़मे 

सुनो आज तो दिल दुखाने लगे हैं 


कहाँ से कहाँ तक कदम आ गए

मंज़िल से भी नज़रें चुराने लगे हैं 


राहुल उपाध्याय । 17 अगस्त 2022 । टोक्यो



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