कभी प्लेन लेंगे, कभी ट्रेन लेंगे
मगर हम हमेशा आते रहेंगे
अगरचे हैं हम में जहाँ भर की दूरी
सच तो यही है कि तुम ही हो धुरी
हम चक्कर तुम्हारे लगाते रहेंगे
तड़पते नहीं हम, सुलगते नहीं हम
तेरे संग की यादों से मरते नहीं हम
हैं हँसते-हँसाते, हँसाते रहेंगे
बड़ी चोट खा के मिले बाद तुमसे
न होगा जहाँ फिर से बर्बाद हमसे
जहाँ हो, जैसे हो, आते रहेंगे
राहुल उपाध्याय । 13 अगस्त 2022 । पालोदा (राजस्थान)
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