मेरे सरकार, मेरे प्राण
ये मेरी अरदास है तुझसे
तू मेरे पास ही रहना
पलटना मुख ना मुझसे
मैं तुझको भोग लगाऊँगा
मैं तुझको गीत सुनाऊँगा
तू मेरे घर में ही रहना
पलटना मुख ना मुझसे
मैं तुझे रोज़ सजाऊँगा
मैं तुझको रोज़ सुलाऊँगा
तू मेरे साथ ही रहना
पलटना मुख ना मुझसे
मैं तुझसे और न माँगूँगा
न तुझको और सताऊँगा
तू मेरे दिल में ही रहना
पलटना मुख ना मुझसे
राहुल उपाध्याय । 29 अगस्त 2022 । सिएटल
1 comments:
बहुत सुन्दर।
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