मोहब्बत से मेरा हुआ नाम है
आँखों से उनकी पीया जाम है
न होती मोहब्बत न होता मैं शायर
मोहब्बत ने मुझको दिया काम है
इश्क़-मोहब्बत, यही तो है सब कुछ
इसके सिवा क्या मेरा काम है
मर जाऊँगा मैं पर रह जाएगा
नग़मों में मेरा जो पैग़ाम है
सुनता कहाँ कोई मेरी ग़ज़ल
पर जानते हैं राहुल मेरा नाम है
राहुल उपाध्याय । 17 अगस्त 2022 । सिएटल
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