न राखी बँधेगी
न सेहरा बंधेंगा
मेरा दिल है मेरा
मेरा ही रहेगा
न तुझसे मोहब्बत
न तुझसे है नफ़रत
जहाँ तक चलेगा
सफ़र ये चलेगा
ये कहते हैं मुझसे
दगा देने वाले
कि ताउम्र उनका
साथ रहेगा
है अपना न कोई
सहारे बहुत हैं
जो डूबा है सूरज
फिर से उगेगा
जो लड़ते हैं मुझसे
समझते नहीं है
के राहुल है पानी
रूक ना सकेगा
राहुल उपाध्याय । 9 अगस्त 2022 । हैदराबाद
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