Saturday, July 19, 2008

दिल पे आई आब ये देखो

दिल पे आई आब ये देखो
उनका हुआ जनाब ये देखो

हर तरफ़ हैं उनके ही जलवे
खिलता हुआ XXXX ये देखो

जो देखे वो वहीं रुक जाए
बर्फ़ हुई XXXX ये देखो

ऐसा हुस्न कि घायल कर दे
कट गया XXXX ये देखो

खोया दिल और पाया उनको
सीधा साधा XXXX ये देखो

देता जाऊँ और बढ़ता जाए
प्यार बड़ा XXXX ये देखो

कर के ख़ुद को उन के हवाले
'राहुल' बना XXXX ये देखो
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आब = चमक
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ऐसी रचनाओं को मैं सभारंजनी रचना कहता हूँ - जिनमें हर दूसरी लाईन पंचलाईन होती है। जब ऐसी रचनाएँ सुनाई जाती हैं तो कोशिश यह की जाती है कि पहली लाईन दो तीन बारी दोहराई जाए ताकि श्रोताओं की जिज्ञासा बढ़े कि पंचलाईन में काफ़िया क्या होगा?

चूंकि आप सुनने की बजाए इसे पढ़ रहे हैं - मैं चाहता हूँ कि आप भी सभा के आनंद से वंचित न रहे। इसलिए सारे काफ़ियें छुपा दिये हैं। कल तक इंतज़ार करें और मैं सारे काफ़ियें उजागर कर दूंगा।

तब तक आप खुद अपने दिमागी घोड़े दौड़ाए और अंदाज़ा लगाए कि कौन से शब्द XXXX की जगह ठीक बैठेगें। आप अपने शब्द मुझे भेज सकते हैं, ई-मेल द्वारा (upadhyaya@yahoo.com) - या फिर यहाँ दे दे अपनी टिप्पणी द्वारा। एक बात ध्यान में रखें कि कुल 6 शब्द हैं। कोई भी शब्द दोहराया नहीं गया है।
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काफ़िया = दो शब्दों का ऐसा रूप-साम्य जिसमें अंतिम मात्राएँ और वर्ण एक ही होते हैं। जैसे-कोड़ा, घोड़ा और तोड़ा,या गोटी चोटी और रोटी का काफिया मिलता है।
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आब-जनाब के काफ़िए:
आदाब, आफ़ताब, कबाब, ख़्वाब, खराब, खिज़ाब, गुलाब, चनाब, जवाब, जुर्राब, तलाब, ताब, दाब, नक़ाब, नवाब, नायाब, बेहिसाब, (भाई) साब, महताब, रूआब, लाजवाब, शराब, शादाब, सैलाब, हिज़ाब, हिसाब

मैं आब, जनाब के लिए बस इतने ही सोच सका। हो सके तो आप कुछ अपनी तरफ़ से जोड़ें। क्या कोई शब्दकोष, थेसारस जैसी कोई पुस्तक या वेब-साईट है, जहाँ इस तरह की सूची उपलब्ध हो?

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4 comments:

Anonymous said...

नीचे लिखे और जोड़ लीजिये
पर्दाब
इन्तखाब
तेजाब
सैलाब
जुलाब
कुलाब
ज़नाब
मेहराब
किताब
बेनकाब
अहबाब
सराब

Anonymous said...

...भाई वह...! सुबह-सुबह दिल पर आब आ गई....

kavitaprayas said...

राहुलजी , पहले हमें कोशिश करने दीजिये, स्टेप २ में hint दीजिये ताकि हम थोड़ा ख़ुद भी सोचें |

दिल पे आई आब ये देखो
उनका हुआ जनाब ये देखो

हर तरफ़ हैं उनके ही जलवे
खिलता हुआ गुलाब ये देखो

जो देखे वो वहीं रुक जाए
बर्फ़ हुई सैलाब ये देखो

ऐसा हुस्न कि घायल कर दे
कट गया हिजाब ये देखो

खोया दिल और पाया उनको
सीधा साधा हिसाब ये देखो

देता जाऊँ और बढ़ता जाए
प्यार बड़ा लाजवाब ये देखो

कर के ख़ुद को उन के हवाले
'राहुल' बना शादाब ये देखो

शादाब माने fresh, clean something pure

Udan Tashtari said...

कविताप्रयास का प्रयास नामोरुप सार्थक प्रतीत होता है, बधाई.