कम-कम हों ग़म-वम
सरस-सरल बन जाएँ हम
खिले प्यार इस जीवन में
करें हम वो करम
यही एक गम है
दिल को जो तोड़े
अपना ये सारा
दम-ख़म निचोड़े
आओ करें ग़म ख़तम
अपने नहीं हैं
ग़म-वम हैं जो भी
इनकी जलाएँ
हर रोज़ होली
जैसे-तैसे हों भसम
राहुल-अनीता । 11 जून 2023 । सिएटल-शंघाई
0 comments:
Post a Comment