भारत के किसी भी कोने में चले जाओ
चाहे कितना ही पॉश इलाक़ा हो
हर नुक्कड़ पर ग़रीबी
मिल जाएगी
ग़रीबी न हो तो संसार कैसे चलेगा?
बर्तन कैसे धुलेंगे?
मेट्रो तक कैसे पहुँचोगे?
चप्पल कौन सही करेगा?
कपड़े इस्त्री कौन करेगा?
गर्मागर्म नाश्ता कहाँ मिलेगा?
बच्चे स्कूल कैसे जाएँगे?
बाल कौन काटेगा?
सब अमीर हो गए
तो जीना दुभर हो जाएगा
जय हो ग़रीबी की!
राहुल उपाध्याय । 21 जून 2023 । दिल्ली
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