Wednesday, June 14, 2023

आजकल उड़ने लगा है आदमी

आजकल उड़ने लगा है आदमी

उड़ते-उड़ते फिर गिरा है आदमी


घाव हैं, आँसू भी हैं और प्यार भी

कर के इश्क़ फिर मरा है आदमी


जल जलाकर, चाय मिलाकर, पी रहा

अपने हाथों ख़ुद मिटा है आदमी


बात थी छोटी सी कि लो मान लो

अपनी ज़िद पर ही अड़ा है आदमी


गाँव है छोड़ा मगर है आप से भागता

कब कहाँ किस ठौर रहा है आदमी 


राहुल उपाध्याय । 14 जून 2023 । सिएटल 



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