Tuesday, June 27, 2023

जो हम पे है गुज़री तुम पे न गुज़रे

जो हम पे है गुज़री तुम पे न गुज़रे 

यही चाहते हैं, दुआ ये ही करते


तुम्हें दिल दिया है, तुम्हें चाहते हैं 

तुम्हीं से हमारे हैं दिन-रात सजते


हुए ख़ाक तुम पे गर्व से हैं कहते

मिलने को तुमसे हम हर रोज़ मरते


हमें चाहे जितनी दिशाएँ बुलाए

नहीं दर कोई बस तुमको हैं सजदे


हमें कोई पूछे कि जन्नत कहाँ है

हम तो कहे कि जहाँ तुम हो रहते


राहुल उपाध्याय । 28 जून 2023 । रतलाम 

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